1. घर में राम रूँख रोपण
आप अपने घर की चार- दीवारी के भीतर कम से कम दो फलदार पेड़ (एक पेड़ राम जी के नाम, दूसरा सीता जी के नाम) लगाकर “राम रूँख” मुहिम को आगे बढ़ा सकते हैं। अगर घर में जगह ज़्यादा हो तो आप अधिक संख्या में भी पेड़ लगाकर “सीया-राम वाटिका” की स्थापना कर सकते हैं।
2. खेत में राम रूँख रोपण
खेत की सीमा पर या किसी एक कोने में खेजड़ी, सहजन, करंज जैसे भूमि की ऊर्वरा शक्ति बढ़ाने वाले पेड़ लगाकर, बेरी, जाल, लेसुआ जैसे पक्षियों के लिए मुफ़ीद पेड़ लगाकर, रोहीड़ा, महोगनी, सागवान, शीशम जैसे इमारती लकड़ी के पेड़ लगाकर या फिर मालाबार नीम, पोपलर, अरडू जैसे प्लाइवुड वाले पेड़ लगाकर हम खेत में “राम रूँख” अभियान को आगे बढ़ा सकते हैं। इन पेड़ों से वातावरण, भूमि की सेहत, मानव स्वास्थ्य, आर्थिक लाभ, जैव-विविधता संरक्षण जैसे लक्ष्यों की प्राप्ति होगी।
3. सार्वजनिक भूमि पर राम रूँख रोपण
अपने कार्यस्थल के आस-पास, किसी भी सार्वजनिक परिसर में उपलब्ध उपयुक्त स्थान पर, घर के आगे सड़क के किनारे -किनारे, ओरण-गोचर जैसी सार्वजनिक भूमि, कल्याण भूमि के एक हिस्से में, शिक्षण संस्थान के परिसर में स्थानीय क़िस्मों के अलग -अलग तरह के पेड़, पौधे व सेवण, धामण, डाब आदि तरह की घासों का रोपण कर “राम संस्थागत वन” का विकास करते हुए “राम रूँख अभियान” को आगे बढ़ा सकते हैं।
हरित राम दूत
हमारा उद्देश्य इस मुहिम को दुनिया की सबसे बड़ी ‘पारिवारिक वानिकी फलदार पौधारोपण मुहिम’ बनाना है और ऐसा करने के लिए हमें अधिकाधिक परिवारों को इस मुहिम से जोड़ना होगा और ये काम करेंगे हमारे ‘हरित राम दूत।’
जिस प्रकार हनुमान जी ने रावण रूपी बुराई के अन्त में अग्रणी भूमिका निभाई थी, उसी प्रकार ये ‘हरित राम दूत’ हरित हनुमान के रूप में प्रदूषण रूपी रावण का अन्त करने में अग्रणी भूमिका निभाएँगे।
इसके लिए आपको नीचे दिए गए फॉर्म में जानकारी भरनी है और अपनी पासपोर्ट साइज फोटो अपलोड करनी है ।
आप जैसे ही हरित राम दूत के रूप में पंजीकरण करेंगे हम आपको आपका हरित राम दूत परिचय पत्र व राम दूत के रूप में आपको क्या करना है इसकी जानकारी आपको व्हाट्स एप्प कर देंगे ।
राम रूँख अभियान के तहत पौधारोपण के बाद आपको अपने पौधारोपण की जानकारी हमें भेजनी है इस हेतु हम इसी पेज पर नीचे एक लिंक दे रहे है जिसका नाम है “पौधारोपण की जानकारी भरने हेतु इस लिंक को खोलें” इस लिंक पर क्लिक करके आपको अपनी जानकारी व पौधों की फोटो अपलोड करनी है । ताकि आपके द्वारा रोपित पौधे इस अभियान के तहत दर्ज हो जाएँ।
सादर- श्यामसुंदर ज्याणी, संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा भूमि संरक्षण के सर्वोच्च सम्मान “लैंड फॉर लाइफ अवॉर्ड” से सम्मानित एसोसिएट प्रोफ़ेसर, राजकीय डूँगर महाविद्यालय, बीकानेर, राजस्थान।